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छोड़ा गया 40565 क्यूसेक पानी, इस नदी के किनारे जाना हुआ खतरनाक, अलर्ट पर प्रशासन

PUNJAB UJALA NEWS


पंजाबः छोड़ा गया 40565 क्यूसेक पानी, इस नदी के किनारे जाना हुआ खतरनाक, अलर्ट पर प्रशासन

तरनतारन: पंजाब में हो रही वर्षा से भले ही लोगों को थोड़ी राहत रही। परंतु बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित रहा। जिले के दर्जनों गांवों पर ब्यास में बढ़े पानी की मार पड़ी है। हजारों एकड़ फसलों के खराब होने का संदेह है। जगह-जगह राहत कार्य भी जारी हैं। हरिके हेड वर्क्स से रविवार को 40,565 क्यूसिक पानी डाउन स्ट्रीम में छोड़ा गया ताकि ब्यास दरिया के साथ लगते गांवों में जलभराव कम हो सके और गांवों में पानी से नुकसान न हो। यह छोड़ा गया पानी पाकिस्तान जाएगा। वर्षा से शहरी क्षेत्रों की सड़कें टूट गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र में छप्पड़ों का पानी लोगों के घरों में घुस गया है।

वहीं अमृतसर जिले में रावी के किनारे बसे गांव घोनेवाल में नदी के बढ़े जलस्तर के कारण बाढ़ का खतरा है। इसको लेकर किए जाने वाले प्रबंधों का जायजा लेने के लिए कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पहुंचे। उन्होंने बताया कि सुबह उज्ज दरिया में दो लाख क्यूसिक पानी छोड़ने के बाद मकौड़ा पत्तन के पास दरिया का पानी रावी नदी में प्रवेश कर गया है। इसके बाद जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में रावी के किनारे जाना खतरनाक है। उन्होंने रावी के आसपास रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की है।

तरनतारन जिले में दरिया ब्यास के साथ लगते कस्बा चोहला साहिब, खडूर साहिब, गोइंदवाल साहिब, वैरोवाल के अलावा सभरा, कोटबुड्ढा से लेकर खेमकरण, खालड़ा, घरियाला, वल्टोहा, अलगों कोठी, भिखीविंड, सुरसिंह, झब्बाल, चीमा कलां, जगतपुरा, कसेल, मीयांपुर, नौशहरा ढाला व अन्य गांवों में हजारों एकड़ फसलों पर बरसाती पानी की मार पड़ी। निकासी नालों की समय पर सफाई न होने के कारण खेतों में जलभराव का असर ज्यादा रहा। गांवों के छप्पड़ों का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है। विधायक कश्मीर सिंह सोहल ने कस्बा झब्बाल में पहुंचकर ग्रामीणों को राहत दिलाने के लिए जेसीबी और क्रेन लगवाकर निकासी नालों से बूटी निकलवानी शुरू की। ग्रामीणों ने प्रशासन का साथ दिया।