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पंजाब सरकार ने अपने रिटायर्ड मुलाजिमों/पेंशनरों पर पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टैक्स (पीएसडीटी) लागू कर दिया है।

(Punjab ujala news)

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने अपने रिटायर्ड मुलाजिमों/पेंशनरों पर पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टैक्स (पीएसडीटी) लागू कर दिया है। इसके तहत उनकी पेंशन में से प्रति माह 200 रुपये काटे जाएंगे। इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग (वित्त खर्च- 5 शाखा) द्वारा पत्र जारी कर दिया गया है। पत्र में लिखा गया है कि वित्त विभाग ने पेंशनरों/रिटायर मुलाजिमों से पंजाब स्टेट डेवलपमेंट टेक्स वसूलने के एक्साइज एंड टेक्सेशन विभाग के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद उसे मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग राज्य में टेक्स एकत्र करने के लिए नोडल एजेंसी है। इस संबंध में वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा जल्दी ही इस संबंध में नोटिफिकेशन कर दिया जाएगा और सरकार पेंशनधारकों के बैंक खातों से सीधेउपरोक्त टेक्स की राशि काटने के निर्देश देगी। उल्लेखनीय है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा 2018 में कार्यरत सरकारी मुलाजिमों पर यह टैक्स लगाया था।

इसके तहत मुलाजिमों के वेतन से हर महीने 200 रुपये काटे जाते हैं, जो आज तक लागू है। कैप्टन सरकार ने पंजाब राज्य विकास कर अधिनियम, 2018 के तहत यह टैक्स लागू किया था। इसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो पंजाब में व्यापार, व्यवसाय, पेशे या रोजगार में लगा हुआ है, जो आयकर दाता है, इसका मतलब है कि जिसकी आयकर अधिनियम के तहत ”0” से अधिक है तो कर योग्य आय है, को उक्त अधिनियम के तहत कर का भुगतान करना होगा।

राज्य में पुरानी पेंशन की बहाली और मुलाजिमों की लंबे समय से पेंडिंग मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे साझा मुलाजिम मंच ने राज्य सरकार के ताजा फैसले की कड़ी निंदा की है। मंच के कन्वीनर सुखचैन सिंह खैरा ने कहा कि दुख और शर्म की बात है कि इस सरकार ने मात्र पेंशन के सहारे जीवन बसर करने वाले बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने तो डेवलपमेंट टैक्स के नाम पर कर्मचारियों की जेब काटने का तरीका ढूंढ लिया था और अब राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने तो रिटायर्ड मुलाजिमों पर निशाना साधा है, जिन्हें अपने बाकी जीवन के दौरान पेंशन से ही गुजारा करना है।

खैरा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार यह कह रही है कि वह कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी। साथ ही सरकार का यह भी दावा है कि खजाना भरा हुआ है, तो पेंशन पर जीवनयापन करने वालों की जेब काटने की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने कहा कि सरकार न तो पुरानी पेंशन बहाल कर सकी है और न ही कर्मचारियों की लंबित मांगों का ही हल निकला है। बड़ी संख्या में मुलाजिम पूरे वेतन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार किसी न किसी बहाने मुलाजिमों की जेब काटने के मौके तलाशने में जुटी है।